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Wednesday, 22 April 2020

गलियारे में इश्क़बाज़ी




                 ll गलियारे में इश्क़बाज़ी ll

             बात उन दिनों की है जब हम सभी गोरखपुरिया दोस्त रामनगर कॉलोनी की एक पीजी में रहा करते थे l बक्शीपुर चौराहे के उत्तर दिशा में एक छोटा सा मोहल्ला है जिसे रामनगर के नाम से जाना जाता है l गलियारे की एक तरफ रामनगर है और दूसरी तरफ है अलीनगर l ठीक यहीं गलियारे के पास ही हमारा कमरा था l आधे गलियारे में लगभग पांच फीट गहरा, तीन या चार फीट चौड़ा एक नाला है l और लगभग इतना ही लोगों के आने-जाने के लिए रास्ता होगा l गलियारे में स्ट्रीट लाइट भी नहीं है लोगों का आवागमन भी बहुत कम होता है l सुबह से शाम तक लगभग सुनसान रहता है l
         
           यह गली दो मोहल्लो को कम आशिकों को ज्यादा जोड़ती है l बक्शीपुर के आसपास के स्कूल-कालेज के आशिकों के मोहब्बत की पहली स्पर्श की शुरुआत शायद यहीं से होती है l हम सभी दोस्त भी अपने कमरे की खिड़की से जरा सा पर्दा हटाते थे और मोहब्बत का नजारा चुपचाप देखा करते थे l प्रेमी आते और बाहों में जकड़ कर अपनी मोहब्बत का इजहार किया करते थे l कभी किसी के आने की भनक मिलते ही दोनों एक-दूसरे के विपरीत ऐसे चलने लगते जैसे एक दूसरे को जानते ही नहीं हैं l
       
        नौजवानों की हरकतें तो लाज़मीं हैं, मगर इस कारनामे में हम लोगों ने 40-50 साल के इश़्कबाजों को भी इश्क़बाज़ी करते देखा है l आपको यकीन नहीं हो रहा होगा मगर यह सच है l

              मुझे तो लगता है गलियारे से गुजरने वाले लोगों में नहीं इश्क़ गलियारे में ही है l
       ऐसा भी हो सकता है इस गलियारे में किसी प्रेमी की रूह भटकती है जो यहां से गुजरने वाले को इश्कबाज बना देती है l

                   ------ अभिषेक तन्हा



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