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Wednesday, 22 April 2020

भड़कनामा - दबंगई से लिखिए





                         ll दबंगई से लिखिए ll


          सभी कवियों को मेरा प्रणाम 🙏। कवित्रीयों को थोड़ा कम मगर उनकी नारी शक्ति को शत-शत, दंडवत एवं साष्टांग प्रणाम।🙏🙏 जो ना कवि हैं ना ही कवित्री हैं उन सभी कवि-त्री-त्रा को तीन हाथ की दूरी से सलाम ।😏😏

          आप सभी कवियों से विनम्रता की चोटी पर चढ़कर अनुरोध है😍 कि आप कविताओं को नए आयाम पर ले चली।🤨🤨 बाहर से चवन्नी भर ऊपर उठकर लचकदार कविताएं लिखिए । 😜 भावनाओं और संवेदनाओं को शब्दब्ध मत किजिए।😛 अब वक्त है संवेदनाओं को घुसपैठिया, हल्लाबोल, चिल्लमखोर तरीके से उतरने की l😎😎 मुद्दावादी कविता छोड़ सरपट, भागमभाग , फटफटेदार, फर्राटेदार , झंनाटेदार,भड़भड़िया, तड़तड़िया, चटपटा, चट्टमखोर कविताएं लिखिए l🖋🖋🖋

        वह कवि जो क्लिष्टता के पहाड़ पर चढ़ने को कविता कहते हैं 😒उन कवियों को गलादबोच तरीके से कहना चाहूंगा कि अब खूंटागाड़ शब्दों का प्रयोग छोड़ें l🧐🧐 तड़कता-भड़कता ,चमकता-मटकता ,गढ़-गढ़ तड़-तड़, भड़-भड़, पड़-पड़, नटखट शब्दों का प्रयोग करें l🤣🤣 ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि डिमांड में है l🐒🐒

     शब्दों को पकड़िए शब्दों को रगड़ीये , शब्दों को निचोड़िये, शब्दों का विच्छेद कीजिए ,शब्दों को अनुलोम विलोम कराइए l😝😝 फिर उसे कविता में ठोंकिए l🔨🔨
 प्रेम रस के कविताओं पर वियोग रस का माल्यार्पण कतई मत कीजिए l🤪🤪 ऐसे ढक्कनदार कवियों को मैं नए प्रेम को तलाशने की सलाह दूंगा l🤓🤓

    अब एकदम दबंगई से लिखिए l🤠🤠 कविताएं ह्रदयचुंबी नहीं है फ़ेफड़चुंबी लिखिए l 🥰🥰

        यदि आपको लेख पढ़कर हंसी आ रही है तो आप एकदम निर्लज्ज कवि हैं l🥵 यदि आप मुझे गरिया रहे हैं😠 तो आपको शुद्ध शाकाहारी ब्राह्मण का श्राप लग जाएl🤪l आपकी कलम फफ़ा जाए l😝😝 स्याही बौखला कर छितरा जाए l😌 आपकी कविता लिपा जाएl😉l सत्यानाश हो जाए l🥴


     व्यंग है ....!!🤐 व्यंग को व्यंग की तहज़ीब-ओ-तरीके से पढ़ियेगा l🤫🤫 नहीं तो मैं भी मनबढ़ कवि हूंl😋😋l एक व्यंग्यदार धरचमाट आपके कविता के कनपटी पर चस्पा कर दूंगा l 😝😝😝

             🖋🖋---- अभिषेक तन्हा


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